सत्य की जीत होकर रहेगी
प्रिय सेवक,
जय आर सी एम
संसार में जितन महान व्यक्ति हुएँ हैं सबने सत्य का सहारा लिया है -सत्य
की उपासना की है | चंद्र टरै सूरज टरै टरै जगत व्यवहार के उद्घोषक राजा
हरिश्चंन्द्र की सत्य निष्ठा विश्वविख्यात है | हालांकि उन्हें सत्य के
मार्ग पर चलने में अनेक कठनाईयो के दलदल में फंसना पड़ा | राजा दशरथ ने
सत्यवचन निर्वाह के लिए अपना प्राणोत्सर्ग तक किया | महात्मा गांधी ने
सत्य की शक्ति से ही अंग्रेजों का शासन की जड़ काट दी उनका कथन है -"सत्य
एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों ज्यों सेवा की जाती है त्यों त्यों उसमें
अनेक फल आते हुए नजर आते हैं उसका अंत नहीं होता है |वस्तुतः सत्य भाषण
और सत्य पालन के अमित फल होते हैं ,इस पर ही संसार का सभी विज्ञान आधारित
है सारा मानव समाज इसी धुरी पर ही कायम है | RCM इसी सत्य पर आधारित मानव
समाज के कल्याणार्थ इस सृष्टि का प्रसाद है , जिसके द्वारा यह स्थिर है
वो परमात्मा हैँ और जिसके द्वारा यह चल रहा है वो माननीय श्री टी॰ सी॰
छाबड़ा हैँ ; इसकी जीत पक्की है ।
और कहना चाहूँगी कि~
तूफानों की कमी नहीँ है इस जीवन मेँ ,
लड़ते हुए ये सफर तय करना ।
जो मिले जख्म सफर ए राह मेँ,
उन्हेँ ही तुम जिन्दगी का तजुरबा कहना,
लाख जख्म खाने पर भी,
हर जख्म नया होगा,
तजुरबे कितने ही क्योँ न हो,
लेकिन हर सफर नया होगा ॥
आपकी सच्ची सेविका
रेखा झा, दरभंगा {बिहार}
जय आर सी एम
संसार में जितन महान व्यक्ति हुएँ हैं सबने सत्य का सहारा लिया है -सत्य
की उपासना की है | चंद्र टरै सूरज टरै टरै जगत व्यवहार के उद्घोषक राजा
हरिश्चंन्द्र की सत्य निष्ठा विश्वविख्यात है | हालांकि उन्हें सत्य के
मार्ग पर चलने में अनेक कठनाईयो के दलदल में फंसना पड़ा | राजा दशरथ ने
सत्यवचन निर्वाह के लिए अपना प्राणोत्सर्ग तक किया | महात्मा गांधी ने
सत्य की शक्ति से ही अंग्रेजों का शासन की जड़ काट दी उनका कथन है -"सत्य
एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों ज्यों सेवा की जाती है त्यों त्यों उसमें
अनेक फल आते हुए नजर आते हैं उसका अंत नहीं होता है |वस्तुतः सत्य भाषण
और सत्य पालन के अमित फल होते हैं ,इस पर ही संसार का सभी विज्ञान आधारित
है सारा मानव समाज इसी धुरी पर ही कायम है | RCM इसी सत्य पर आधारित मानव
समाज के कल्याणार्थ इस सृष्टि का प्रसाद है , जिसके द्वारा यह स्थिर है
वो परमात्मा हैँ और जिसके द्वारा यह चल रहा है वो माननीय श्री टी॰ सी॰
छाबड़ा हैँ ; इसकी जीत पक्की है ।
और कहना चाहूँगी कि~
तूफानों की कमी नहीँ है इस जीवन मेँ ,
लड़ते हुए ये सफर तय करना ।
जो मिले जख्म सफर ए राह मेँ,
उन्हेँ ही तुम जिन्दगी का तजुरबा कहना,
लाख जख्म खाने पर भी,
हर जख्म नया होगा,
तजुरबे कितने ही क्योँ न हो,
लेकिन हर सफर नया होगा ॥
आपकी सच्ची सेविका
रेखा झा, दरभंगा {बिहार}
No comments:
Post a Comment