Wednesday, 28 December 2011
Sunday, 25 December 2011
Saturday, 24 December 2011
आरसीएम पर छापे से करोड़ों भारतीय आहत हुए का दिल
आरसीएम पर छापे से करोड़ों भारतीय आहत हुए का दिल |
(03:06:51 AM) 21, Dec, 2011, Wednesday धमतरी ! धमतरी जिले में आर.सी.एम. बिजनेश कंपनी से जुडे तमाम व्यवसायियों ने एक विज्ञप्ति जारी कर स्पष्टीकरण दिया है कि कंपनी न तो फर्जी है न ही यह कोई इनवेस्टमेंट करवाती है। राजस्थान सरकार राजनीति से प्रेरित होकर आर.सी.एम. बिजनेस को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। राजस्थान सरकार आर.सी.एम. को चिटफंड कंपनी करार दे रही है। बल्कि आर.सी.एम. चिटफंड कंपनी नहीं है न तो यहां कोई व्यक्ति पैसा जमा करता है और न ही यहां मनी सर्कुलेशन होता है। यह डायरेक्ट सेलिंग मेथड है जिसमें कंपनी अपना माल सीधे ग्राहक को देती है। आश्चर्य की बात तो यह है कि अमेरिका की एक कंपनी (कीमती सौंदर्य प्रशाधन) भारत में स्वतंत्रता पूर्वक कार्य कर सकती है। जबकि अपने ही हिन्दूस्तान की कंपनी आर.सी.एम. भारत में रहकर अपने ही देश में स्वदेशी उत्पादों के साथ व्यापार नहीं कर सकती। यह कैसा न्याय है? भारत सरकार अभी एक विदेशी कंपनी को भारत लाना चाहती है। न जाने कितनी विदेशी कंपनियां भारत आई और उसकी वजह से कई घरेलू कंपनीया बंद हुई फिर भी भारत सरकार का उदारीकरण चलता है। आज स्वयं भारत की कंपनी आर.सी.एम. इतना सक्षम है कि भारत में करोड़ो लोगों के आय का साधन है एवं स्वास्थ्य रक्षा और भविष्य में आई कई लोगों की बेरोजगारी दूर कर सकने में योग्य है। यह तेजी से विकास कर रही कंपनी है, जिसके हितग्राही हैं भारत के आम लोग। जिस कंपनी का उद्देश्य है घर-घर की आर्थिक आजादी, विकसित राष्ट्र का निर्माण की तैयारी और इसी कंपनी के पीछे हाथ धोकर पड़ी है। राजस्थान सरकार, वो भी बिना किसी सबूत के। आज न जाने कितने ऐसे परिवार है जिनकी रोजी रोटी आर. सी. एम. पर निर्भर है इनकी संख्या कई लाख है। क्या राजस्थान सरकार इन परिवारों की रोजी-रोटी की व्यवस्था करने वाली है? क्या राजस्थान सरकार के पास है इन लाखों लोगों के लिए रोजगार? अगर सरकार नहीं दे सकती है तो उन्हें किसी की रोजी-रोटी भी छिनने का कोई हक नहीं बनता है। जबकि सारे लोग कानूनी तौर पर सही कार्य कर रहे हैं। अगर आर.सी.एम. कानून की नजर में गलत था तो सरकार 11 वर्षो तक क्या कर रही थी। क्या उस वक्त यह सही था और आज विकसित है तो गलत है। त्रिलोक चंद छाबडा जो कि इस बिजनेस के संस्थापक है। उनका सपना है कि घर-घर की आर्थिक आजादी और न सिर्फ यह एक सपना है बल्कि यह हकीकत की ओर अपना कई कदम, कई लाख लोगों के साथ उठाया जा चुका हुआ अभियान है जिसमें शामिल है। नशामुक्ति, आत्मनिर्भरता, गरीबी उन्मूलन, बिजली की बचत, नए भारत का निर्माण और नारी सशक्तिकरण, ऐसा उच्च कार्य करना अपराध है तो क्या सही है। आज अपने ही देश में हमे अपने सपनों को पूरा करने का अधिकार नहीं रह गया है। आर.सी.एम. लोगों ने पैसा नहीं लगाया बल्कि अपने दैनिक दिनचर्या का सामान खरीदा है और उससे आय प्राप्त की है तो फिर 200 करोड़ का घोटाला कैसा? ये लोगों को भ्रमित करने की चाल है। विदेशी कंपनीयों की जय जयकार और देशी कपंनीयों पर कुठारघात होता चला आ रहा है। Source |
Friday, 23 December 2011
What is Prize Chits Money Circulation Scheme Banning Act 1978
Thursday, 22 December 2011
आर सी एम् उत्पाद वितरण व्यवस्था बहाल हो !!
Wednesday, 21 December 2011
Tuesday, 20 December 2011
Monday, 19 December 2011
Sunday, 18 December 2011
Saturday, 17 December 2011
ये है राजनीति समझे भीडू........
भंवरी और परस देवी तथा गोपालगढ़ मामलो से जनता और मीडिया ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने एमएलएम कम्पनियों पर निशाना साधा है और वो सफल भी रही है.
पीयुसीएल कम्पनी नामक कम्पनी कोई 2 -3 दशक से और आरसीएम कम्पनी लगभग एक दशक राजस्थान में काम कर रही है. अब सरकार इन कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, इनके निदेशकों को गिरफ्तार किया जा रहा है. कम्पनियों को सीज किया जा रहा है..
वास्तविकता यह है कि भंवरी देवी और मदेरणा की सीडी को सार्वजनिक करने वाले न्यूज़ चेनल पी7 और चेनल से संबध पीयुसीएल कम्पनी और भीलवाडा की नामी मिल मेवाड़ मिल को खरीदने के कारण स्थानीय राजनेताओ की नज़रो में चढ़े त्रिलोक छाबड़ा की कम्पनी को सीज कर उनके खिलाफ कारवाही के जा रही है.
पीयुसीएल कम्पनी नामक कम्पनी कोई 2 -3 दशक से और आरसीएम कम्पनी लगभग एक दशक राजस्थान में काम कर रही है. अब सरकार इन कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, इनके निदेशकों को गिरफ्तार किया जा रहा है. कम्पनियों को सीज किया जा रहा है..
वास्तविकता यह है कि भंवरी देवी और मदेरणा की सीडी को सार्वजनिक करने वाले न्यूज़ चेनल पी7 और चेनल से संबध पीयुसीएल कम्पनी और भीलवाडा की नामी मिल मेवाड़ मिल को खरीदने के कारण स्थानीय राजनेताओ की नज़रो में चढ़े त्रिलोक छाबड़ा की कम्पनी को सीज कर उनके खिलाफ कारवाही के जा रही है.
Friday, 16 December 2011
Thursday, 15 December 2011
आर सी एम चिट फंड कम्पनी नहीं है !
आर सी एम चिट फंड कम्पनी नहीं है !
प्रेस विज्ञप्ति
भीलवाडा १५ दिसंबर २०११
आर सी एम की और से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया गया है क़ि उत्पादों पर आधारित मल्टी लेवल कम्पनी है ! न की चिट फंड कम्पनी, क्युकी कम्पनी मनी सर्कुलेशन स्कीम नहीं चलाती है ! ऐसे में उस के खिलाफ प्राइज़चिट फंड एंड मनी सर्कुलेशन बेन्निंग एक्ट में की जा रही कार्रवाही न्यायोचित नही है !
कम्पनी के निदेशक शोरभ छाबरा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया की आर सी एम की कोई भी गति विधि प्राइज़चिट फंड एंड मनी सर्कुलेशन बेन्निंग एक्ट १९७८ के दायरे में नहीं आती है !
आर सी एम बिज़नस के रजिस्टर्ड नहीं होने के आरोप में उन का कहना है क़ि आर सी एम बिज़नस केवल व्यावसायिक ब्रांड है ! जब क़ि उस की संचालक कम्पनी Fashion Suiting Pvt. Ltd. भारतीय कम्पनी अधिनियम १९५६ के तहत रजिस्टर्ड है ! कम्पनी परम्परागत तरीके की व्यावसायिक पर्णाली के बजाये सीधे उपभोगताओ को प्रत्यक्ष विपणन करती है !
तथा इस में सहयोगी रहने वितरको को प्रोत्साहित करती है ! कम्पनी हर कानून को मानती है ! उन का सम्मान करती है और अक्षरश लागु भी करती है ! कम्पनी आय कर, बिक्रीकर, उत्पादन शुल्क, सर्विस टेक्स, कर्मचारी बीमा तथा भविष्य निधि आदि का भी पूरा पालन करती है !
आर सी एम से उस के उपभोगता संतुष्ट है और लाखो लोगो को मासिक आमदनी होती है जिससे लोगो का घर चलता है !
Wednesday, 14 December 2011
Subscribe to:
Posts (Atom)